Plumbing Pipe in Hindi PDF Free download

Types of Plumbing Pipe in Hindi PDF free download. These Pipes mostly used in India. Different type of pipeline and their uses. These Notes helpful for ITI Plumber students, Apprentice trainees and other workers.

Plumbing Pipe in Hindi PDF

इन पाइपो से आईटीआई के थ्योरी और प्रैक्टिकल पेपर व इंटरव्यू में भी प्रश पूछे जाते है |

पहले प्राणी किसी तरह के तरल पदार्थ को एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाने के लिए बर्तनों का प्रयोग करता था, फिर पाइप लाइनों के रूप में बांसों (Bamboos) का प्रयोग होने लगा, परन्तु आजकल इस कार्य के लिए बहूत प्रकार के पाइपों और ट्यूबों का प्रयोग हो रहा है |

किसी भी तरल पदार्थ पानी, तेल और गैस इत्यादि को आसानी से एक स्थान से दुसरे स्थान तक बंद और एयर टाइट अवस्था में पहचानें के लिए जिस साधन का प्रयोग किया जाता है, उसे हम पाइप या ट्यूब कहते है, जो कई धातुओं और अधातुओं के बनाए जाते है |

1. जी.आई.पाइप (Galvanised Iron Pipe): यह पाइप लोहे के बने होते है परन्तु इनको जंग से बचाने के लिए इनकी बाहरी व अंदरूनी सतह पर जिंक की कोटिंग कर दी जाती है; जिसे गैल्वेनाईजिंग कहते है | इससे इनका जीवन काल बढ़ जाता है | इनका प्रयोग पिने के पानी को घर तक पहुचाने के लिए किया जाता है | इनके सिरे पर चूड़ियाँ कटी होती है और इनकी सहायता से इन्हें जोड़ा जाता है, इनकी चूड़ियाँ 3/4 इंच प्रति फूट टेपर होती है, जिससे लीकेज नहीं होती है |

2. कास्ट आयरन पाइप (Cast iron Pipe): यह पाइप ढलवां लोहे के बने होते है | यह लम्बाई में 10 से 20 फूट तक मिलते है तथा व्यास 2” से 72” तक होता है | प्राय इनको सोकेट और स्पाईगोट जोड़ द्वारा जोड़ा जाता है | इन्हें जंग से बचाने के लिए कोलतार, तेल व डॉ.एंगुस स्मिथ पेंट की कोटिंग की जाती है |

3. R.C.C. Pipe: इस प्रकार के पाइप सीमेंट कंक्रीट को मिलाकर बनाये जाते है तथा मजबूती के लिए इनके बिच में पतली तारों की जाली डाली जाती है | यह 2 मीटर व्यास तक के बनाये जाते है | इनका प्रयोग वहां होता है जहाँ पानी अधिक दाब पर नहीं चलता है | इन पाइपों के सिरे सॉकेट और स्पाईगोट में बने होते है जिनके द्वारा इन्हें जोड़ा जाता है

4. एस्बेस्टस सीमेंट पाइप : इस प्रकार के पाइप एस्बैस्टोस तथा सीमेंट के मिश्रण से बनाये जाते है | इन्हें स्टील रोलर से दबाया जाता है | इस प्रकार के पाइप 2” से 4 फूट व्यास तक के बनाये जाते है | यह पाइप हलके होते है, यह स्मूथ होते है | इन पर चूड़ियाँ भी काटी जा सकती है | इन पर तेजाब युक्त पदार्थों का कोई असर नहीं होता है | यह भंगुर भी होते है अर्थात चोट लगने पर टूट भी जाते है | इन्हें भी सॉकेट और स्पाईगोट जोड़ द्वारा जोड़ा जाता है |

5. PVC पाइप (Polyvinyl Chloride Pipe): इस पाइप में अच्छी लचक के साथ हाई टेंसाइल स्ट्रेंग्थ भी होती है | यह मजबूत होते है | इन पाइपों का प्रयोग तरल, गैस की सप्लाई के लिए किया जाता है | यह पाइप बहूत हलके होते है | दुसरे पाइपों की अपेक्षा इनका वजन कम होता है | इनमे जंग नहीं लगता है | इनका जीवन काल लम्बा होता है | ये बिजली के कुचालक है |

6. LDPE पाइप (Low Density Polyethylene Pipe): यह 12mm से 63mm व्यास तक के बनाये जाते है | यह बहूत ही लचकदार होते है | इनका प्रयोग पानी की बाहरी सप्लाई के लिए किया जाता है | यह अंदरूनी सप्लाई के लिए ठीक नहीं होते है | इनको लम्बरूप या हॉरिजॉन्टल स्थिती में फिट करने के लिए सहारे की आवश्यकता है | भारत में इसका प्रयोग ज्यादातर खेतों में पानी की सप्लाई के लिए होता है |

7. HDPE पाइप (High Density Polyethylene Pipe): यह पाइप कुछ हार्ड होता है | यह 400mm व्यास तक और कुछ देशों में 1600mm व्यास तक बनाये जाते है | इन्हें बिना किसी सहारे के लंब रूप में व हॉरिजॉन्टल रूप में फिट किया जा सकता है | यह पाइप कम व्यास में नहीं बनाये जाते है क्योंकि इन्हें जोड़ना बहूत कठिन होता है | ये जल सप्लाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पाइप होते है | अत: इनका प्रयोग सार्वजानिक जल सप्लाई के लिए किया जाता है इसके अलावा किसान इसे अपने खेतो में अंडरग्राउंड वाटर सप्लाई के लिए भी इस्तेमाल करते है | इनमे अधिकतम वोर्किंग दाब 10kg/cm2 तक होता है

8. CPVC पाइप (Chlorinated Polyvinyl Chloride Pipe): यह पाइप क्लोरिन मिश्रित एक योगिक से बनाया जाता है | अत: यह एक आधुनिक प्रकार का पाइप है | यह पाइप 10 से 17 फूट तक लम्बाई में तथा ½ इंच से 3 इंच तक व्यास में मिलते है | इन पाइपों पर चूड़ियाँ नहीं बनाई जा सकती है | अत: इन पाइपों को जोड़ने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला साल्वेंट प्रयोग किया जाता है | जिस से जोड़ शीघ्र ही लीकेज प्रूफ बन जाता है | इन पाइपो का प्रयोग गर्म व ठन्डे पानी की सप्लाई के लिए किया जाता है | आजकल घरों में सबसे ज्यादा इसी पाइप का प्रयोग किया जाता है |

9. UPVC पाइप (Unplastic Polyvinyal Chloride Pipe): इसमें दो प्रकार की पाइप बनाई जाती है, जो पाइप वाटर सप्लाई के कार्यों में प्रयोग की जाती है, उस पर चूड़ियाँ भी बनाई जा सकती है और चूड़ियों द्वारा भी जोड़ो को लगाया जा सकता है परन्तु जो पाइप सॉयल/waste वाटर के कार्यों के लिए प्रयोग किये जाते है, उनको साल्वेंट/रबड़ रिंग द्वारा जोड़ा जाता है | इन पाइपों का प्रयोग गर्म पानी के कार्यो में नहीं किया जाता है | यह पाइप 10 फूट से 20 फूट तक लम्बाई में उपलब्ध होते है |

10. PPR पाइप (Poly Propylene Random Pipe) : इस पाइप का विकास यूरोप में सन 1990 में हुआ था | इनका प्रयोग ठन्डे व गर्म पानी के लिए व सभी कार्यों के लिए किया जा सकता है | इन पाइपों की विशेषता यह है की ये -200C तापमान से लेकर +950C तापमान में भी आसानी से कार्य करते है | इनका जीवन काल भी 50 वर्ष के लगभग होता है | इनको थ्रेडिड, प्लेन और वेल्डिंग द्वारा जोड़ा जाता है |

11. MCI पाइप (Malleable Cast Iron Pipe):  यह पाइप कास्ट आयरन की उच्च क्वालिटी से बनाया जाता है | अत: इसका प्रयोग अधिक दबाव वाली पाइप लाइनों के लिए किया जाता है | यह कास्ट आयरन जैसा ही होता है |

12. Wrought Iron Pipe: वैसे तो यह लोहे की शुद्ध प्रकार है और इन पाइपों का प्रयोग अधिक दबाव के कार्यों में अधिक होता था | ये लम्बाई में 18 फूट से 36 फूट तक होती थी और इन्हें वेल्डिंग या रिवेटिंग जोड़ द्वारा जोड़ा जाता था | परन्तु अब इनका प्रयोग नहीं किया जाता है | अब इनकी जगह C.I., G.I. और M.S. पाइपों का प्रयोग होने लगा है |

13. HCI पाइप (Heavy Cast Iron Pipe) : यह पाइप कास्ट आयरन की घटिया प्रकार से बनाया जाता है | इसकी लम्बाई 6 फूट तक होती है | यह पाइप एक तरफ से प्लेन और दूसरी तरफ से सोकटीड होते है | इनका प्रयोग सैनेटरी फिटिंग में साइल वाटर और waste वाटर को बाहर करने के लिए किया जाता है तथा जोड़ सिक्के तथा सीमेंट से लगाये जाते है |

14. M.S. पाइप (Mild Steel Pipe): यह पाइप माइल्ड स्टील की शीट से बनाये जाते है, जिन पर जिंक की कोटिंग नहीं की होती है | अत: इनका प्रयोग ट्यूब वैल और बोरिंग में किया जाता है | लम्बाई में ये 10 से 20 फूट तक होते है | इनके दोनों किनारों पर चूड़ियाँ बनी होती है |

15. स्टील पाइप : यह पाइप स्टील के बने होते है | यह पाइप बहूत हलके और मजबूत होते है, परन्तु महंगे होते है | इनका प्रयोग ज्यादातर अधिक दबाव वाली पाइप लाइनों के लिए किया जाता है | इनकी आयु लगभग 50 साल होती है | इनको रिवेटिंग या वेल्डिंग द्वारा जोड़ा जाता है | इनकी लम्बाई 12 फूट तक होती है |

16. S.W. पाइप (Stone Ware Glazed Pipe): यह पाइप फायर क्ले का बना होता है और salt glazed किया हुआ होता है | इनका व्यास 4” से 24” तक व लम्बाई 2 फूट होती है | इनका प्रयोग soil water and waste water के लिए या फिर कम व्यास की मेन सीवर लाइन के लिए किया जाता है | यह एक तरफ से प्लेन तथा दूसरी तरफ से सॉकेट में बने होते है | इनके जोड़ रस्सी  डाल कर सीमेंट से लगाये जाते है |

17. फ्लैंज पाइप : यह पाइप कास्ट आयरन के बने होते है | परन्तु इन पाइपों के दोनों तरफ गोल फ्लैंज प्लेट लगी होती है | इन प्लेटों में सुराख़ बने होते है | अत: इन्हें आसानी से खड़ी या लेटवीं अवस्था में जोड़ा जा सकता है | इन जोड़ों को फ्लैंज जोड़ कहते है | इनका व्यास 4” से 100” तक व लम्बाई 9 फूट से 18 फूट तक होती है | इन का प्रयोग वाटर सप्लाई की लाइनों के लिए किया जाता है | इन पर Dr. Angus Smith’s Solution होने पर काफी हद तक जंग से सुरक्षित हो जाते है | परन्तु यह भी कास्ट आयरन पाइप की तरह भारी होते है | अत: एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जाना मुश्किल हो जाता है |

18. Copper Pipe: यह पाइप कॉपर शीट से बनाये जाते है | इनका व्यास 1/8” से 2” तक व लम्बाई 20 फूट या Coil में मिलते है, जिनको ट्यूब भी कहते है | इन पर गर्मी का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है | अत: इनका प्रयोग बायलर स्टीम इंजन में और मोटर गाडियों व कारखानों में पेट्रोल व अन्य तेल इत्यादि को एक स्थान से दुसरे स्थान पर पहुचाने के लिए किया जाता है | इनके जोड़ Thread, Coupling तथा Soldering द्वारा लगाये जाते है |

19. Brass Pipe: यह पाइप पीतल का बना होता है | इनका व्यास 1/8” से 2” तक व लम्बाई 12 फूट, 18 फूट इत्यादि या Coil में होती है | इनका प्रयोग हवाई जहाजों या तंग जगहों में किया जाता है | जहाँ पाइप को कुछ हद तक मोड़ा भी जा सकता है | इनके जोड़ Thread, Flange, Coupling, Union or Fullering इत्यादि से लगा दिए जाते है |

20. Conduit Pipe: यह पाइप माइल्ड स्टील की पतली गेज की शीट से बनाये जाते है | जो न तो मजबूत होते है और न ही G.I. पाइप की तरह लीक प्रूफ होते है तथा न ही इन पर अच्छी चूड़ियाँ बनायी जा सकती है | इनका नाप बाहरी व्यास से लिया जाता है | यह ½” से 3” तक व्यास में व 10 फूट तक लम्बाई में मिलते है | इनका प्रयोग बिजली की वायरिंग में अंडर ग्राउंड किया जाता है | इनके जोड़ थ्रेड द्वारा लगा दिए जाते है | इसके अलावा आजकल PVC Conduit पाइप भी बाजार में मिलते है जिनका एक सिरा सॉकेट और दूसरा सिरा स्पाईगोट होता है |

21. रबर पाइप – यह पाइप रबर का बना होता है | इनका व्यास ½” से 3” तक व लम्बाई Coil में 100 फूट तक होती है | इनका प्रयोग अस्थाई स्थानों लाइनों, रेल के डिब्बो, मोटरों, कमरों इत्यादि को धोने व बगीचों में पानी देने के लिए किया जाता है, जिन को आसानी से इधर-उधर ले जाया जा सकता है | इनके जोड़ Nipple, Pipe connector या clamp द्वारा लगाए जाते है |

22. कैनवस पाइप : यह पाइप सूती कपडे का बना होता है, जिसके ऊपर कई बार पतले रबड़ की तह भी चढ़ाई जाती है | इनका व्यास आमतौर पर 2” से 3” या 4” इत्यादि होता है तथा लम्बाई 50 फूट व 100 फूट की coil में मिलती है | इनका प्रयोग अस्थाई लाइनों के लिए सिंचाई इत्यादि में किया जाता है | परन्तु इनका मुख्यता प्रयोग आग बुझाने के लिए Fire Brigade वाले दस्ते करते है | इनके जोड़ Coupling, Clamp द्वारा लगाये जाते है |

23. लैड पाइप : यह पाइप सिक्के का बना होता है और सिक्के में यह विशेषता होती है की इस पर अम्ल का प्रभाव नहीं पड़ता है | अत: इस पाइप का ज्यादातर प्रयोग अम्ल के कारखानों में Acid Supply या Wash Basin, Urinal Basin इत्यादि के waste वाटर व soil वाटर के लिए किया जाता है | इसे Wipping or Union Coupling द्वारा जोड़ा जाता है | यह ½” व्यास से 2 इंच व्यास तक व लम्बाई में 12 फूट तक या 60 फूट तक coil में मिलते है | इन पाइपों में आसानी से छेद किया जा सकता है, मोड़ा व फैलाया जा सकता है | इन पाइपों का प्रयोग पिने वाले पानी की पाइप लाइनों को बिछाने के लिए नहीं किया जाता है, क्योंकि पानी में Lead Poisoning की उपस्थिति हो जाती है जो स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है |

24. एल्युमीनियम पाइप : यह पाइप एल्युमीनियम धातु का बना होता है | यह बहूत ही हल्का होता है | अत: इसका प्रयोग पानी के जहाजों, हवाई जहाजों या सिंचाई के लिए अस्थाई लाइनों के लिए और बड़े-बड़े पार्कों में पानी छिडकने इत्यादि कार्यों के लिए किया जाता है | इनका व्यास ½” से 6” तक व लम्बाई 18 फूट तक होती है | इनके जोड़ क्लैंप, हुक द्वारा लगाये जाते है |

25. फाइबर पाइप : यह पाइप फाइबर का बना होता है जो की एक प्रकार का कागज होता है | जो बहूत मजबूत और फायर प्रूफ होता है और पानी में गलने/सड़ने वाला नहीं होता है और बहूत हल्का होता है | अत: इसका प्रयोग जहाजों और बिजली के कार्यों में होता है | परन्तु आजकल इससे Chairs, Wash basin, Water closet, Bath tube इत्यादि भी बनाये जाते है |

26. Armor Pipe : वैसे तो यह पाइप रबर का ही बना होता है, परन्तु इस पाइप की wall thickness में spring की आकृति में तार डाला हुआ होता है | जिससे यह न तो चिपकता है और न ही इधर-उधर मोड़ने पर जल्दी टूटता है | अत: इसको जमीन पर घसीट कर भी दूसरी जगह ले जाया जा सकता है | इसका प्रयोग भी अस्थाई पाइप लाइनों, Service station पर मोटर गाड़ियों व ट्रेन इत्यादि के डिब्बो को धोने के लिए किया जाता है | इनका व्यास 1” से 6” तक व लम्बाई 2 फूट से 20 फूट तक या coil में मिलते है | इनके जोड़ रेल के डिब्बों को जोड़ते समय Nipple या Clamp Connector से लगायें जाते है |

27. Hose Pipe: यह पाइप कैम्ब्रिज कपडे और रबड़ को मिलाकर बनाया जाता है | यह ½” से 4” व्यास तक व लम्बाई में coil में मिलता है | इसका प्रयोग Compressure हवा/अस्थाई पानी वितरण करने वाली पाइप लाइनों के लिए किया जाता है | इनके जोड़ Clamp व Nipple द्वारा लगाये जाते है |

28. बरसाती पाइप (Gutter pipe/Rain water pipe) : यह पाइप H.C.I की बनी होती है | इनका व्यास 2” से 6” तक व लम्बाई 6 फूट  होती है | HCI पाइप में और इस पाइप में इतना अंतर है की इस पाइप के Coller के दोनों तरफ कान (Ear) बने होते है जिस से इसे आसानी से दिवार के साथ फिट किया जा सकता है और क्लैंप लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है |

29. पोर्सलिन पाइप (Porcelain Pipe) : यह चीनी मिट्टी की बनी हुई नालियां होती है, जिनका प्रयोग House wiring करते समय जहाँ वायर दिवार को Cross करके निकलती है, वहां पहले यह नाली फिट की जाती है ताकि दिवार में करंट न आ सके | यह ½” व्यास व 2” व्यास तक व लम्बाई में 2 फूट तक मिलती है परन्तु आजकल इनके स्थान पर PVC पाइप प्रयोग करते है

30. फ्लेक्सिबल स्टील पाइप : यह स्टील की पतली शीट में Spiral डालकर बनाया जाता है | यह ½” से 1/4” व्यास व Coil में मिलता है | इसका प्रयोग मशीन लैंप, टेबल लैंप और कुलेंट इत्यादि के लिए किया जाता है | इसे आवशयकता अनुसार आसानी से इधर-उधर मोड़ा जा सकता है | अत: टेलीफ़ोन शावर में भी इसी पाइप का प्रयोग  किया जाता है |

Plumbing Pipe in Hindi PDFDownload
ITI Plumber MCQ Book in Hindi (950 Question)Rs.19/-
ITI Plumber tools Name in Hindi PDFCheck
ITI Plumber 100 Most important Questions in Hindi [PDF]Check